इश्क़ में खुद को गिरफ्तार
इश्क़ में खुद को गिरफ्तार तो होने दो,
अपने जिस्म पे मेरा इख्तियार तो होने दो,
मोहब्बत यूँ ना ठुकराओं मेरी ये नाइंसाफी है,
मुकम्मल तो होने दो, अभी बाकी है।
इश्क़ में खुद को गिरफ्तार तो होने दो,
अपने जिस्म पे मेरा इख्तियार तो होने दो,
मोहब्बत यूँ ना ठुकराओं मेरी ये नाइंसाफी है,
मुकम्मल तो होने दो, अभी बाकी है।
Thanks so much for the post.Much thanks again. Really Cool.