khatushyam Ji History
श्री खाटू श्याम की कथा | श्याम बाबा कहानी |
!! शीश के दानी श्री श्याम बाबा का संक्षिप्त जीवन परिचय !!
श्री खाटू श्याम जी श्याम बाबा की हिंदी कथा कहानी इस प्रकार है
द्वापर के अंतिम चरण में हस्तिनापुर में कौरव एवम पांडव राज्य करते थे, पाण्डवों के वनवासकाल में भीम का विवाह हिडिम्बा के साथ हुआ… उसके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम घटोत्कच रखा गया… पाण्डवों का राज्याभिषेक होने पर घटोत्कच का कामकटंकटा के साथ विवाह और उससे बर्बरीक का जन्म हुआ.. उसने भगवती जगदम्बा से अजेय होने का वरदान प्राप्त किया…
जब महाभारत युद्ध की रणभेरी बजी, तब वीर बर्बरीक युद्ध देखने की इच्छा से कुरु क्षेत्र की और प्रस्थान किया, मार्ग में विप्र रूप धारी श्री कृष्णा से साक्षात्कार हुआ.. विप्र के पूछने पर उसने अपने आप को योद्धा व दानी बताया.. परीक्षा स्वरुप उसने पेड़ के प्रत्येक पत्ते को एक ही बाण से बेंध दिया तथा श्री कृष्ण के पैर के नीचे वाले पत्ते को भी बेंधकर वह बाण वापस तरकस में चला गए… विप्र वेशधारी श्री कृष्ण के पूछने पर उसने कहा कि मैं हारने वाले पक्ष में लडूंगा..श्री कृष्ण ने कहा कि अगर तुम महादानी हो तो अपना शीश समर भूमि की बलि हेतु दान में दे दो… ततपश्चात् श्री कृष्ण के द्वारा अपना असली परिचय दिए जाने के बाद उसने महाभारत युद्ध देखने कि इच्छा प्रकट की… रात भर भजन पूजन कर प्रातः फाल्गुन शुक्ला द्वादशी को स्नान पूजा आदि करके, अपने हाथ से अपना शीशश्री कृष्ण को दान कर दिया… श्री कृष्ण ने उस शीश को युद्ध अवलोकन के लिए, एक ऊँचे स्थान पर स्थापित कर दिया…
द्ध में विजय श्री प्राप्त होने पर पांडव विजय के श्रेय के सम्बन्ध में वाद-विवाद करने लगे… तब श्रीकृष्ण ने कहा की इसका निर्णय बर्बरीक का शीश कर सकता है…
शीश ने बताया कि युद्ध में श्री खाटू श्याम मोर्विनंदन बर्बरीककृष्ण का सुदर्शन चक्र चल रहा था और द्रौपदी महाकाली के रूप में रक्त पान कर रही थी.. श्री कृष्ण ने प्रसन्न होकर शीश को वरदान दिया कि कलयुग में तुम मेरे श्याम नाम से पूजित होगे तुम्हारे स्मरण मात्र से ही भक्तों का कल्याण होगा और धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष कि प्राप्ति होगी… स्वप्न दर्शनोंपरांत बाबा श्याम, खाटू धाम में स्थित -श्याम कुण्ड से प्रकट होकर अपने कृष्ण विराट सालिग्राम श्री श्याम रूप में सम्वत १७७७ में निर्मित वर्तमान खाटू श्याम जी मंदिर में भक्तों कि मनोकामनाए पूर्ण कर रहे है
जय जय श्री श्याम
जय हो खाटू वाले श्याम
Falgun Mela Dates 2020 Khatu Shyam ji
27 फरवरी 2020 – गुरूवार (चतुर्थी तिथि )
28 फरवरी 2020 – शुक्रवार (पंचमी)
29 फरवरी 2020 – शनिवार (पंचमी )
1 मार्च 2020 – रविवार (षष्ठी )
2 मार्च 2020 – सोमवार (सप्तमी )
3 मार्च 2020 – मंगलवार (अष्टमी )
4 मार्च 2020 – बुधवार (नवमी )
5 मार्च 2020 – गुरूवार (दशमी )
6 मार्च 2020 – शुक्रवार (एकादशी )
7 मार्च 2020 – शनिवार ( द्वादशी )
आरती श्री खाटूश्यामजी की
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे | खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे ||
ॐ रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे | तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ||
ॐ गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे | खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले ||
ॐ मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे | सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे ||
ॐ झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे | भक्त आरती गावे, जय – जयकार करे ||
ॐ जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे | सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम – श्याम उचरे ||
ॐ श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे | कहत भक्त – जन, मनवांछित फल पावे ||
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे | निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ||
ॐ जय श्री श्याम हरे
श्याम बाबा की आरती की समय-सारणी
पट खुलने का समय : प्रात: 5:00 बजे
मंगल आरती : प्रात: 5:30 बजे
शृंगार आरती : प्रात: 7:45 बजे
भोग आरती : दोपहर 12:30
पट बंद होने का समय : दोपहर 1 बजे
पट खुलने का समय : सायं 4:00 बजे
ग्वाला आरती : सायं 7:00 बजे
मंदिर बंद होने का समय रात्रि 9:30 बजे
विशेष अवसर पर समय परिवर्तन भी हो सकता है।