कुछ लम्हों की लापरवाही में,
कुछ लम्हों की लापरवाही में,
जिंदगीभर का रोना हो गया,
सोचते रहे वो प्यार का बुखार
और ग़ालिब को कोरोना हो गया।।
कुछ लम्हों की लापरवाही में,
जिंदगीभर का रोना हो गया,
सोचते रहे वो प्यार का बुखार
और ग़ालिब को कोरोना हो गया।।