मत करना अभिमान खुद पर ऐ

सुप्रभात जय श्री हनुमान
मत करना अभिमान खुद पर ऐ इन्सान!
तेरे और मेरे जैसे कितनो को ईश्वर ने
माटी से बनाकर माटी में मिला दिया!
सुप्रभात जय श्री हनुमान
मत करना अभिमान खुद पर ऐ इन्सान!
तेरे और मेरे जैसे कितनो को ईश्वर ने
माटी से बनाकर माटी में मिला दिया!