मदर्स डे क्यों मनाया जाता है
कब, कैसे और क्यों शुरू हुआ मदर्स डे कब, कैसे और क्यों शुरू हुआ मदर्स डे
क्यों मनाया जाता है मदर्स डे, जानें पूरी कहानी
मातृ दिवस 2020 भारत में 10 मई, रविवार को मनाया जायेगा। ये हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को पड़ता है।
दुनिया में मां के काम का किसी से मुकाबला नहीं है। फिर भी बच्चे मां के योगदान को भुला देते हैं। मां के योगदान को मनवाने के लिए ही हुई थी मदर्स डे की शुरुआत। पढ़ें इसका रोचक इतिहास…
हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। मदर्स डे क्यों मनाया जाता है आइए जानते हैं इसका इतिहास…
कैसे हुई मदर्स डे की शुरुआत?
दुनिया भर में मदर्स डे को लोकप्रिय बनाने और उसको मनाने की परंपरा शुरू करने का श्रेय अमेरिका की ऐना एम.जारविस को जाता है। ऐना का जन्म अमेरिका के वेस्ट वर्जिनिया में हुआ था। उनका मां अन्ना रीस जारविस 2 दशकों तक एक चर्च में संडे स्कूल टीचर रहीं। एक दिन की बात है। उनकी मां संडे स्कूल सेशन के दौरान बाइबिल में मां पर एक पाठ के बारे में बता रही थीं। उस समय जारविस 12 साल की थीं। पाठ के दौरान उनकी मां ने एक इच्छा का इजहार किया। उन्होंने अपनी मां को कहते सुना, एक दिन आएगा जब कई मां और मातृत्व को मनाने के लिए एक दिन समर्पित करेगा। उस समय तक सिर्फ पुरुषों को समर्पित दिन होते थे जिनको मनाया जाता था। महिलाओं के लिए कोई दिन नहीं होता था।
Mother’s Day कब मनाया जाता है?
भारत में, मदर्स डे हर साल मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है और इसे माँ को सम्मान देने के लिए मदरिंग संडे (ईसाई त्योहार) के रूप में भी जाना जाता है.
2020 में मदर्स डे रविवार, 10 मई को है. यह दिन माताओं और मातृत्व के सम्मान के लिए मनाया जाता है. यह समाज में मातृ बंधन और माताओं के प्रभाव का प्रतिनिधित्व करता है.
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Mother’s Day का महत्व
एक माँ सिर्फ एक महिला माता-पिता नहीं होती है जो नौ महीने तक अपने गर्भ में पल रहे बच्चे का गर्भ धारण करती है, बल्कि वह भी जो अपने जीवन के अनुभव को अपने बच्चे के भविष्य को सुन्न करने में लगा देती है. मां वह है जो अपने बच्चे की देखभाल करने में अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बलिदान करती है.
हम सभी की माताएँ हैं, इसलिए हम सभी को मिलकर इस दिन को मनाना चाहिए और यह समय है कि हम विरासत, समाज के पहलुओं, चुनौतियों का सामना करें, जो हर रोज माँ सामना करती हैं
मई के दूसरे रविवार को क्यों मनाते हैं मदर्स डे?
9 मई 1914 को अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने एक लॉ पास किया था जिसमें लिखा था कि मई महीने के हर दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा, जिसके बाद मदर्स डे अमेरिका, भारत और कई देशों में मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा.
मदर्स डे की शुभकामनायें
उसके पल्लू ने ही न जाने कितने तुफानो को मोड़ दिया
और छान के जहर को पल्लू से अमृत कर दिया
कल आया था समुन्द्र मुझे भी डुबाने
माँ ने उसे भी पल्लू में समेटा और निचोड़ दिया
Happy Mothers Day
सबने बताया कि आज मां का दिन है
कौन बताएगा कि वो कौन सा दिन है जो मां के बिन है
Happy Mothers Day
मैं ही नहीं
बड़े बड़े 30 मार खा भी याद करते हैं
‘दर्द’ जब हद से ज्याद होता है तो
सब “माँ” को याद करते हैं
Happy Mothers Day
लबों पर उसके कभी बद्दुआ नहीं होती,
बस एक माँ है जो कभी खफा नहीं होती…!!!
Happy Mothers Day
जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है,
माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है…!!!
Happy Mothers Day
मां न होती तो वफा कौन करेगा
ममता का हक भी अदा कौन करेगा
रब हर एक मां को सलामत रखना
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा
Happy Mothers Day
मदर्स डे पर शुभकामनायें शायरी
मांग लूँ यह मन्नत की, फिर यही “जहाँ” मिले
फिर वही गोद, फिर वही माँ मिले
सारे जहां में नहीं मिलता
बेशुमार इतना,
सुकून मिलता है
मां के प्यार में जितना.
हैप्पी मदर्स डे
बेहद मीठा कोमल होता है,
मां के प्यार से ज्यादा
कुछ नहीं अनमोल होता है.
हैप्पी मदर्स डे
सके रहते जीवन में कोई गम नहीं होता
दुनिया साथ दे ना दे पर मां का प्यार कभी कम नहीं होता
हैप्पी मदर्स डे
जन्नत के हर लम्हे का दीदार किया था
गोद में उठाकर जब माँ ने प्यार किया था
Happy Mothers Day
यूं ही नहीं गूंजती किल्कारीयां घर आँगन के हर कोने मे
जान हथैली पर रखनी पड़ती है ‘माँ’ को ‘माँ’ होने मे
Happy Mothers Day