सजा दरबार है और एक ज्योति

सजा दरबार है और एक ज्योति जगमगाई है
नसीब जागेगा उन जागरण करने वालो का
वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्करायी है.
जय माता दी
सजा दरबार है और एक ज्योति जगमगाई है
नसीब जागेगा उन जागरण करने वालो का
वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्करायी है.
जय माता दी