sharabi dost shayari
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Sharabi Shayari
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे,
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे, शराब में गम को मिलाने लगे, दारू भी बेवफा निकली यारों, नशे में तो वो और भी याद आने लगे…
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Sharabi Shayari
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं,
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं, कैसे कहूँ आज की फिर होश नही, इस तरह डूबा हूँ तेरी मोहब्बत की गहराई में, हाथ में जाम है और पिने का…
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Sharabi Shayari
कभी उलझ पड़े खुदा से
कभी उलझ पड़े खुदा से कभी साक़ी से हंगामा, ना नमाज अदा हो सकी ना शराब पी सके।
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