sharabi gum shayari
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Sharabi Shayari
मैं तोड़ लेता अगर वो
मैं तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती! मैं जवाब बनता अगर वो सवाल होती! सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता, फिर भी पी लेता अगर वो शराब होती!
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Sharabi Shayari
देखूँगा कभी ऐ शऱाब,
देखूँगा कभी ऐ शऱाब, तुझे अपने लबों से लगाकर, तू मुझमे बसेगी, कि मैं तुझमें बसूँगा।
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Sharabi Shayari
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे,
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे, शराब में गम को मिलाने लगे, दारू भी बेवफा निकली यारों, नशे में तो वो और भी याद आने लगे…
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Sharabi Shayari
चारों तरफ तन्हाई का साया है,
चारों तरफ तन्हाई का साया है, ज़िन्दगी में प्यार किसने पाया है, हम यादों में झूमते हैं उनकी, और ज़माना कहता है आज फिर पीकर आया है!!
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Sharabi Shayari
आज अंगूर की बेटी से मोहब्बत
आज अंगूर की बेटी से मोहब्बत कर ले शेख साहब की नसीहत से बगावत कर ले इसकी बेटी ने उठा रखी है सर पर दुनिया ये तो अच्छा हुआ अंगूर…
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Sharabi Shayari
पीने से कर चुका था
पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर ‘जलील’ बादल का रंग देख के नीयत बदल गई,.,!!!
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Sharabi Shayari
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं,
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं, कैसे कहूँ आज की फिर होश नही, इस तरह डूबा हूँ तेरी मोहब्बत की गहराई में, हाथ में जाम है और पिने का…
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Sharabi Shayari
मैं तोड़ लेता अगर वो
मैं तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती! मैं जवाब बनता अगर वो सवाल होती! सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता, फिर भी पी लेता अगर वो शराब होती!
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फिर ना पीने की कसम
फिर ना पीने की कसम खा लूँगा; साथ जीने की कसम खा लूँगा; एक बार अपनी आँखों से पिला दे साकी; शराफत से जीने की कसम खा लूँगा।
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Sharabi Shayari
हर रोज़ पीता हूँ तेरे
हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में, वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं, बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें, वर्ना मर मर…
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