तेरे चेहरे की वो हलकी सी मुस्कान
तेरे चेहरे की वो हलकी सी मुस्कान
शाम की उस चाय की तरह है
जिससे दिन भर की थकान दूर सी
हो जाती है
Tere chehre ki wo halki si muskan
Shaam ki us chai ki tarah hai
Jisse din bhar ki thakan door si
Ho jati hai
तेरे चेहरे की वो हलकी सी मुस्कान
शाम की उस चाय की तरह है
जिससे दिन भर की थकान दूर सी
हो जाती है
Tere chehre ki wo halki si muskan
Shaam ki us chai ki tarah hai
Jisse din bhar ki thakan door si
Ho jati hai