कसूर तो था ही इन निगाहों का

कसूर तो था ही इन निगाहों का
जो चुपके से दीदार कर बैठा
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी
पर बेवफा ये ज़ुबान इज़हार कर बैठा
Happy Propose Day
कसूर तो था ही इन निगाहों का
जो चुपके से दीदार कर बैठा
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी
पर बेवफा ये ज़ुबान इज़हार कर बैठा
Happy Propose Day